Activities

मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर पर मेरीमाटी- मेरा देश कार्यक्रम दिनांक 9 से 30 अगस्त के अंतर्गत आज दिनांक 19 अगस्त को कृषकों , कृषक महिलाओं ,ग्रामीण युवक-युवतियों को केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी एवं वैज्ञानिकों ने पंचप्रण की शपथ दिलाई ।शपथ में उन्हें देश के भविष्य हेतु पंचप्रण परिकल्पना को व्यवहारिक रूप से चरितार्थ करने का प्रण कराया गया ।भ्रष्टाचार ,परिवारवाद, तुष्टिकरण की समस्या को समाप्त करने हेतु आगे बढ़ने का संकल्प दिलाया गया ।कृषकों से राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में सहभागी बनने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम में देश की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता के लिए मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण बलिदान करने वाले वीर एवं सैनिकों को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक एनपी गुप्ता ने शपथ को पढ़ा एवं सभी वैज्ञानिकों तथा कृषकों एवं ग्रामीण युवतियोद्वारा उसे दोहराया गया। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नूतन वर्मा कुमारी विद्या गुप्ता डॉक्टर शिवकुमार यादव डॉक्टर महेश कुमार डॉ विमल डॉ मनोज मिश्रा एवं 30 कृषकों तथा 10 ग्रामीण युवतियों ने भाग लिया।


Yoga program at kvk shahajahanpur

The International yoga day 21 June is celebrated at kvk Shahjahanpur in which total number of 50 participants including farm women and farmers are participated. In which the kvk staff along with them practices yoga aasans and Pranayam. The importance of yoga in daily routine life for healthy and happiness is important this message is emphasized in this program.


कषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर पर खरीफ अभियान के अंतर्गत कृषक गोष्ठी का आयोजन

कषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर पर खरीफ अभियान के अंतर्गत आज दिनांक 26 मई को कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माननीय निदेशक प्रसार डॉ पी के सिंह ने केंद्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया एवं केंद्र पर स्थापित जैविक खाद उत्पादन इकाई पाली हाउस मुर्गी पालन इकाई मधुमक्खी पालन इकाई अजोला उत्पादन इकाई ग्रामीण मौसम वेधशाला एवं जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला का अवलोकन किया एवं महत्वपूर्ण सुझाव दिए इस अवसर पर केंद्र द्वारा एक कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार महोदय डॉ पी के सिंह ने मां सरस्वती के सन्मुख दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण करके किया कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर एनसी त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि महोदय का बुके देकर स्वागत किया एवं केंद्र द्वारा खरीफ अभियान तथा पर्यावरण के लिए जीवन शैली लाइफ अभियान की रूपरेखा को बताया निदेशक प्रसार महोदय ने कृषकों को संबोधित करते हुए खरीफ अभियान कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता एवं औचित्य के बारे में बताया उन्होंने कृषकों को मोटे अनाजों की खेती करने के लिए प्रेरित किया एवं बताया कि मोटे अनाज जैसे बाजरा मडुआ कोदो कुटकी चेना आदि न्यूट्री अनाज है एवं अत्यंत पोषक गुणों से भरपूर हैं इनकी खेती को बढ़ावा देना चाहिए जिससे सभी को यह अनाज उपलब्ध हो सके एवं इनके निर्यात की की भी संभावनाएं हैं इससे खाद्य उत्पाद एवं रेसिपी बनाकर बिस्कुट आदि बनाकर कृषक लाभान्वित होंगे इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय निदेशक प्रसार डॉ पी के सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा तैयार किया गया मोटे अनाजों की वैज्ञानिक उत्पादन तकनीकी पुस्तिका का विमोचन किया तथा कृषकों को मोटे अनाजों के बीजों के मिनी किट वितरित किए उन्होंने कृषकों को जैविक खेती एवं गो आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिकों डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद डॉ नूतन वर्मा डॉ महेश कुमार डॉक्टर शिव कुमार यादव डॉक्टर चंद्रपाल गुप्ता एवं कुमारी विद्या गुप्ता ने खरीद गोष्टी में प्रश्न को अपने-अपने विषय से संबंधित आगामी खरीफ फसल उत्पादन तकनीकी तैयारी के बारे में चर्चा की गोष्टी में प्रगतिशील कृषक श्री राजाराम वर्मा ने मोटे मोटे अनाजों की विशेषताओं एवं पोषण सुरक्षा हेतु उनके उपयोग एवं उत्पादन की आवश्यकता को वर्तमान समय में दृष्टिगत रखते हुए मोटे अनाजों की महत्ता को एक गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गोष्टी में उपस्थित सभी कृषकों को सूक्ष्म जलपान एवं मोटे अनाजों पर तैयार कैलेंडर तथा उत्पादन तकनीकी पुस्तिका को दिया गया गोष्ठी में विभिन्न गांव से आए हुए कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया डॉक्टर चंद्रपाल गुप्ता ने गोष्ठी का संचालन किया एवं मुख्य अतिथि महोदय तथा समस्त कृषकों का धन्यवाद ज्ञापित किया


कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर पर विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषक गोष्ठी का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर पर LiFE पर्यावरण हेतु जीवन शैली अभियान के अन्तर्गत दिनांक 22 मई से 5 जून के अंतिम दिन 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक वृहद कृषक गोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजकुमार राघव वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक कृभको ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित करते हुए गोष्ठी का शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि एआरटीओ श्री महेन्द्र सिंह एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी ने भी मां सरस्वती का माल्यार्पण किया कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि महोदय का बुके देकर स्वागत किया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृभको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री राजकुमार राघव ने कृषकों को पर्यावरण संरक्षण हेतु खेती के तौर तरीकों में बदलाव की आवश्यकता के लिए प्रेरित किया उन्होंने कृषकों को अपने खेतों में आवश्यकतानुसार एवं मृदा परीक्षण परिणाम को दृष्टिगत रखते हुए रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग करने को कहा आवश्यकता से अधिक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मृदा में अधुलनशील उर्वरक मात्रा बढ़ रही है एवं इससे किसानों का खर्चा भी अधिक होता है उन्होंने बताया कि मृदा का जीवांश कार्बन स्तर अच्छा रहने पर ही मृदा की उर्वरक उपयोग क्षमता उचित रहती है जीवांश कार्बन मिट्टी का अमृत है जिसमें असंख्य सूक्ष्म जीव रहते हैं जो उर्वरकों को फसल हेतु घुलन सील बनाकर उपलब्ध कराते हैं इसे भूमि में बढ़ाने के लिए फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाए जैविक खादों का प्रयोग करें जैविक उर्वरक जैसे राइजोबियम एजोस्पिरिलम एजोटोबेक्टर एसीटोबेक्टर का प्रयोग करके अपने खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं विशिष्ट अतिथि एआरटीओ श्री मनोज वर्मा ने कृषकों को वाहनों की प्रदूषण जांच कराने की आवश्यकता को बताया तथा कहा कि अपने वाहनों की नियमित सर्विसिंग कराएं जिससे र्पयावरण को कम से कम नुकसान हो किचन गार्डन में रसायन मुक्त विधि से सब्जियों को उगाकर लाभ उठाएं केंद्र की वैज्ञानिक डॉ नूतन वर्मा ने सभी उपस्थित किसानों को एवं अतिथियों को पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने की प्रतिज्ञा हेतु शपथ दिलाई तथा पर्यावरण की स्वच्छता हेतु जीवन शैली में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया सभी से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की अपील की तथा पॉलीथिन के प्रयोग को समाप्त करने की भी अपील की केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर शिव कुमार यादव ने जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से पर्यावरण संरक्षित रहता है डॉ महेश कुमार ने सब्जी उत्पादन में रोग बीमारी के लिए नीम के उत्पादों के प्रयोग के बारे में जानकारी दी एवं कम जहरीले रसायनों के प्रयोग की सलाह दी डा चंद्रपाल ने गोष्ठी का संचालन किया मुख्य अतिथि एवं केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी ने एवं अन्य अतिथियों ने केंद्र पर वृक्षारोपण किया ।


मिलेट्स पर कार्यशाला का आयोजन

आज दिनांक 18 मार्च 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर के कृषक सभागार में दो दिवसीय ग्लोबल मिलेट सम्मेलन के आयोजन दिनांक 18 एवं 19 मार्च 2023 के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन अभिभाषण का भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आई ए आर आई नई दिल्ली से सजीव प्रसारण को कृषकों एवं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मोहम्मदी की छात्राओं एवं स्कूल की शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ को दिखाया गया एवं मिलेट्स पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एन.सी.त्रिपाठी ने छात्राओं एवं कृषकों को बताया कि वर्ष 2023 पूरे विश्व में मोटे अनाज पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है हमारे देश में मुख्य रूप से मिलेट्स की खेती पहाड़ों पर एवं दक्षिण भारत में अधिक की जाती है मोटा अनाज जैसे ज्वार बाजरा रागी कोदो कुटकी चेना रामदाना कुट्टू आदि की खेती को बढ़ावा देकर इनके उपज से कृषक अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ नूतन वर्मा ने मोटे अनाजों के स्वास्थ्यवर्धक एवं चिकित्सा गुणों के बारे में बताया डॉक्टर एनपी गुप्ता ने मोटे अनाजों जैसे बाजरा रागी ओट्स आदि के स्वास्थ्य वर्धक घरेलू उत्पाद लड्डू बर्फी हलवा आदि के रूप में प्रयोग करके करने की सलाह दी केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ महेश कुमार ने टमाटर के सीजन में केचप एवं सास जैसे उत्पाद बनाकर मूल्यवर्धन करके लाभ उठाने के बारे में जागरूक किया। डॉ विमल कुमार एवं डॉक्टर चंद्रपाल ने महिलाओं को आयरन कैल्शियम की पूर्ति के लिए रागी एवं बाजरा के उत्पादों का सेवन करने की सलाह दी उन्होंने बताया कि मिलेट्स को उगाने में बहुत कम पानी एवं संसाधनों की आवश्यकता होती है वर्तमान एवं भविष्य में उनके मूल्य वर्धन से कृषक अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं छात्रों एवं शिक्षिकाओं ने केंद्र की वर्मी कंपोस्ट यूनिट, पॉलीहाउस, पोल्ट्री यूनिट, अजोला यूनिट, मधुमक्खी पालन इकाई, तकनीकी पार्क, जैविक नियंत्रण इकाई, मशरूम उत्पादन इकाई एवं के.वी.के फॉर्म का भ्रमण किया एवं केंद्र के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में 85 कृषकों एवं छात्राओं ने भाग लिया तथा 20 शिक्षक शिक्षिकाओं तथा अन्य स्टाफ ने प्रतिभाग किया कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर चंद्रपाल ने किया एवं सजीव प्रसारण को केंद्र के कंप्यूटर प्रोग्रामर डॉ मनोज मिश्रा ने संचालित किया। डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने सभी का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम के सफल आयोजन में शुभम एवं शिवम ने सहयोग किया।


फसल अवशेष प्रबंधन योजना अंतर्गत किसान मेला एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर पर किसान मेला कृषि उद्योग प्रदर्शनी एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन आज दिनांक 2 मार्च को केंद्र के प्रागण में किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल सिंह यादव ने किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर पी के सिंह निदेशक प्रसार सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ एवं विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के निदेशक डॉक्टर सुधीर शुक्ल जी रहे उन्होंने फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत आयोजित किसान मेले में मुख्य अतिथि सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के निदेशक डॉ पी के सिंह गोष्टी का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करते हुए किया विशिष्ट अतिथि निदेशक सुधीर शुक्ल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सिंह यादव कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर एनसी त्रिपाठी श्री मनीष तिवारी प्रतिनिधि सांसद राज्यसभा संतोष कुमार द्विवेदी भूमि संरक्षण अधिकारी गोमती खंड एवं प्रगतिशील कृषक श्री कौशल मिश्रा आदि ने भी दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित की केंद्र के प्रभारी अधिकारी ने मुख्य अतिथि सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ पी के सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल सिंह यादव निदेशक उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर एवं अन्य अतिथियों का माल्यार्पण एवं पोस्ट बुके देकर स्वागत किया उन्होंने केंद्र द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बताया।मुख्य अतिथि महोदय निदेशक डॉ पी के सिंह ने कृषकों को कृषि विविधीकरण के विभिन्न आयाम जैसे पशुपालन डेयरी कुकुटपालन बागवानी एवं फूलों की खेती मधुमक्खी पालन एवं मशरूम उत्पादन को अपनाने के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने कृषकों को फसल अवशेष का खेत में प्रबंधन करने अपने खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया ।उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के निदेशक डॉक्टर सुधीर शुक्ल ने कृषकों को गन्ना खेती हेतु नई प्रजातियों के प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया ।जनपद के राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि श्री मनीष तिवारी ने कृषकों को केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर अपनी कृषि समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा एवं कृषको का वैज्ञानिक तरीके से खेती करने एवं लाभ उठाने को कहा जनपद के प्रगतिशील गन्ना कृषक श्री कौशल मिश्रा ने गन्ने की आधुनिक तकनीकी एवं नवाचार कृषकों को अवगत कराया फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के नोडल अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने कृषको को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉक्टर महेश ने पाली हाउस नर्सरी प्रबंधन तकनीकी को बताया केंद्र के पशु वैज्ञानिक डॉ शिव कुमार यादव ने पशु पोषण एवं स्वास्थ्य टीकाकरण आदि पर गोष्टी में चर्चा की केंद्र की वैज्ञानिक डॉ नूतन वर्मा विद्या गुप्ता डॉ विमल कुमार ने भी कृषकों को संबोधित किया इफको के जिला प्रबंधक एके पालीवाल ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी की जानकारी दी । कृषि उद्योग प्रदर्शनी में जनपद में कृषि से जुड़ी विभिन्न प्राइवेट कंपनियां एवं सरकारी संस्थाओं ने अपने-अपने स्टाल लगाए इनमें मुख्य रूप से जेंडर इंडिया ,एराइज एग्रो, धानुका एग्रोटेक, घरडा केमिकल्स इफको शाहजहांपुर संत सेवा संस्थान शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर गन्ना किसान प्रशिक्षण संस्थान शाहजहांपुर जिला कृषि विभाग उद्यान विभाग एवं जनपद में कार्यरत एवं एफपीओ ने अपने-अपने स्टाल लगाए कृषि उद्योग प्रदर्शनी में लगे स्टाल हेतु सभी कंपनी अधिकारी को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए सर्वोत्तम स्टॉल का पुरस्कार गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर को दिया गया ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित प्रचार साहित्य मौसम विभाग एवं जिला कृषि मौसम इकाई केवीके तथा फसल अवशेष प्रबंधन पर फोल्डर एवं पत्रिका पटेल ज्ञानेश्वरी का विमोचन किया एवं इन्हें कृषकों को निशुल्क वितरण किया गया । मेले में 350 कृषक एवं महिलाएं तथा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने भाग लिया ।फसल अवशेष प्रबंधन पर जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 21 कृषकों को शाल ओढ़ाकर प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए । एफपीओ के निदेशक श्री प्रेम शंकर गंगवार श्री राकेश कुमार पांडे को भी सम्मानित किया गया ।मेले में डॉक्टर एवी सिंह डॉक्टर एस के पाठक श्री अशोक कुमार ग्राम बड़ा वन के प्रधान श्री रुपेश पांडे आदि भी उपस्थित रहे एवं सभी ने कृषकों को अपने संबोधन में कृषि उन्नत तकनीकी अपनाने एवं फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।मेले के समापन अवसर पर केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने सभी का धन्यवाद किया।


ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर द्वारा ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आज दिनांक 10 मार्च 2023 को ग्राम ढकिया हमीद नगर विकासखंड सिधौली में किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी ने कृषकों को संबोधित करते हुए अवगत कराएं कि पिछले 10 सालों से मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है एवं इन बदलावों के कारण तापमान में असामान्य वृद्धि, वर्षा का कम होना, कहीं-कहीं ओलावृष्टि होना आदि के कारण फसल उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कृषकों को जनपद के विभिन्न ब्लॉकों में मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी देने के उद्देश्य कृषि विज्ञान केंद्र पर एक स्वचालित मौसम वेधशाला स्थापना की गई है। सप्ताह में 2 दिन मंगलवार एवं शुक्रवार को मौसम पूर्वानुमान की जानकारी कृषकों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से दी जा रही है जिसका लाभ जिले के सभी ब्लॉकों के किसानों को मिल रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा केंद्र पर ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के अंतर्गत तीन प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है साथ ही केंद्र के बाहर विभिन्न ग्रामों में प्रशिक्षण आयोजित किए गए जिसमें केंद्र के मौसम ऑब्जर्वर कुमार आशीर्वाद गौतम द्वारा कृषकों को मौसम संबंधी जानकारी दी गई।उन्होंने कृषकों को वर्षा की जानकारी हेतु मेघदूत ऐप एवं दामिनी ऐप को मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए बताया एवं उनके माध्यम से वर्षा, ओलावृष्टि, बिजली गिरने के पूर्वानुमान से लाभ उठाने के बारे में बताया। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने इस परियोजना के उद्देश्य एवं कृषकों के लिए लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ नूतन वर्मा ने कृषकों को रोग एवं बीमारियों की मौसम से जुड़ी हुई तीव्रता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कुछ फसलों में मुख्य रोगो की तीव्रता का अनुमान कृषकों को केंद्र द्वारा जारी एडवाइजरी से प्राप्त हो जाता है। यदि वर्षा होने की संभावना है तो कृषक रोगनाशी, कीटनाशी, खरपतवार नाशी का छिड़काव एक-दो दिन के बाद करें अन्यथा छिड़काव बारिश से नष्ट हो जाएगा एवं इसका फायदा आपकी फसलों को नहीं मिलेगा। मौसमी बीमारियों के बारे में भी कृषकों को सचेत किया जा रहा है। उन्होंने कृषकों को सामायिक फसलों में रोग कीट प्रबंधन एवं गन्ने में कीट रोग प्रबंधन की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एन सी त्रिपाठी ने कृषकों को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के बारे में जागरूक किया एवं उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों की खेती का बढ़ावा देकर कृषक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। मोटे अनाजों जैसे बाजरा, मक्का, कुटकी,साबा, कोदो ,काकुन रामदाना आदि को उगाने में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है एवं उर्वरक की भी इन फसलों की कम आवश्यकता होती है। कृषकों को स्थानीय मांग के अनुसार मोटे अनाजों की खेती भी करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में 30 कृषकों ने भाग लिया। डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने सभी कृषकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।


मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्ष

आज दिनांक 16जनवरी 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर द्वारा मधुमक्खी पालन पर 5 दिवसीय शिक्षित बेरोजगार युवकों हेतु स्वरोजगार परक प्रशिक्षण आयोजित किया गया जिसका उद्घाटन उप कृषि निदेशक कृषि प्रसार श्री धीरेन्द्र सिंह ने किया उन्होंने उद्घाटन अवसर पर युवकों को संबोधित करते हुए कहा कि खेती के साथ मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेने के बाद इसे अपने आय बढ़ाने में सम्मिलित करें। इसमे कम लागत लगाकर अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं उन्होंने कहा कि आज शुद्धता एवं विश्वसनीयता की आवश्यकता है यदि आप शुद्धता एवं ईमानदारी से काम करेंगे तो निश्चित ही सफल होंगे। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ.एन.सी.त्रिपाठी ने आए हुए प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन से फसलों की उपज बढ़ती है तथा अतिरिक्त आमदनी की भी प्राप्ति हो जाती है इसलिए मधुमक्खी पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाएं तथा शहद की गुणवत्ता एवं उत्पादन तकनीकी पर चर्चा की। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ नूतन वर्मा ने मौन पालन में आने वाली बीमारियों पर चर्चा किया तथा उनका कैसे निदान किया जाए इस पर जानकारी दी। डॉ नरेंद्र प्रसाद ने बताया कि आप मधुमक्खी पालन करके अपनी आय घर बैठे बढ़ा सकते हैं ।डॉ शिव कुमार यादव ने मधुमक्खी का परागण में योगदान को बताया ।श्री आनंद त्रिपाठी उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी ने मधुमक्खी पालन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण 5 दिवसीय डॉ सी पी गुप्ता एवं डॉ विमल कुमार सिंह मुख्य वक्ता के रूप में प्रशिक्षण देंगे ।जिसमें प्रशिक्षणार्थी को मधुमक्खी की प्रजाति एवं उनके महत्व तथा उत्पादन तकनीकी की पूर्ण जानकारी देंगे ।प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के वैज्ञानिक प्रभारी अधिकारी डॉ. एन.सी.त्रिपाठी एवं उप कृषि निदेशक प्रसार मौन पालन यूनिट का भ्रमण करके शहद की गुणवत्ता को पहचाना तथा अन्य जानकारी दी केंद्र की कुमारी विद्या गुप्ता ने आए हुए अतिथियों एवं कृषको का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में 10 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं।


ग्राम स्तरीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम गौआधारितप्राकृतिक खेती

जनपद में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती परियोजना के अन्तर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आज दिनांक 13जनवरी 2023 को ग्राम ढका विकास खंड मदनापुर पर किया गया। इस प्रशिक्षण में किसानों को देसी गाय के गोमूत्र एवं गोबर से बनने वाले विभिन्न उत्पादों को बनाने की विधि एवं उनके प्रयोग के बारे में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के अवसर पर केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी ने कृषकों को प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया तथा किसानों को मोटे अनाज उत्पादन पर भी जागरूक किया ।उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 को संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है पर्यावरण प्रदूषण से बचने एवं संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक खेती तथा मोटे अनाज जैसे सावा, कोदो ,मडूआ,चीना, रागी ,कुटकी ,बाजरा ज्वार ,मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषको को जागरूक किया ।अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार में मोटे अनाजों को शामिल करना वर्तमान में आवश्यक हो गया है ।किसान मोटे अनाज की प्राकृतिक विधि से खेती करें जिससे भविष्य मे उनकी आय भी बढ़ेगी क्योंकि पूरे विश्व में मोटे अनाजों की मांग बढ़ रही है।केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने कृषकों को प्राकृतिक खेती करने के लिए गाय के गोबर व गोमूत्र द्वारा विभिन्न उत्पाद जैसे कि जीवामृत ,वीजा मृत , घन जीवामृत ,सप्तपर्णी अर्क ,नीमास्त्र ,ब्रह्मास्त्र, अग्नियास्त्र इत्यादि बनाने की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी । डॉक्टर विमल कुमार सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती में कीटनाशकों के बारे में जानकारी दी साथ ही एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के द्वारा कीड़े एवं बीमारियों के नियन्त्रण की जानकारी दी। पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शिव कुमार यादव ने किसानों को देसी गाय के गोबर व मूत्र के गुणों के बारे में जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती एवं पशुओं के बीमारियों टीकाकरण एवं उनके चारा प्रबंधन इत्यादि पर विस्तार से चर्चा की एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विभिन्न ब्लॉकों के विभिन्न ग्रामों से आए 50 कृषकों ने भाग लिया । कार्यक्रम के आयोजन में केंद्र के डॉ मनोज मिश्रा शुभम सागर सोनू गुप्ता शिवम कुमार आदि का सहयोग रहा कार्यक्रम में आए समस्त किसानों का धन्यवाद किया।


Press release

प्रेस विज्ञप्ति निशुल्क प्रकाश नार्थ*कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर के प्रोफेसर (शस्य विज्ञान )एवं प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी कल डीडी किसान नई दिल्ली टीवी चैनल के हेलो किसान कार्यक्रम के अंतर्गत शाम को 6:00 से 7:00 बजे तक चना एवं मसूर फसल की देखभाल विषय पर वार्ता हेतु कृषकों के लिए उपलब्ध रहेंगे। कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जाएगा। किसान भाई चना एवं मसूर से संबंधित अपनी समस्या हेतु टोल फ्री नंबर 1800113060 पर सीधे कॉल करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।


प्राकृतिक खेती एवं अंतरराष्ट्रीय मिलेटस

* *प्राकृतिक खेती एवं अंतरराष्ट्रीय मिलेटस( मोटे अनाज)वर्ष 2023पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन* सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ के अंतर्गत स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर में प्राकृतिक खेती परियोजना एवं अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 6 जनवरी 2023 को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केंद्र के प्रोफेसर एवं प्रभारी अधिकारी डॉ एनसी त्रिपाठी ने कृषकों को वर्तमान परिदृश्य में गौ आधारित प्राकृतिक खेती की आवश्यकता पर जोर देने हेतु कृषकों का आवाहन किया कि प्राकृतिक खेती को अपनाकर मृदा उर्वरता शक्ति को बढ़ाएं और रसायन मुक्त खेती करके मानव स्वास्थ्य को सुधारें ।अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष 2023 के अवसर पर मोटे अनाजों जैसे सावा, कोदो ,मडूआ,चीना, रागी ,कुटकी ,बाजरा ज्वार ,मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषको को जागरूक किया और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार में मोटे अनाजों के महत्व के बारे में भी जानकारी दी ।केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद ने कृषकों को प्राकृतिक खेती करने के लिए गाय के गोबर व मूत्र द्वारा विभिन्न उत्पादन जैसे कि जीवामृत ,वीजा मृत , घन जीवामृत सप्तपर्णी अर्क ,नीमास्त्र ,ब्रह्मास्त्र, अग्नियास्त्र इत्यादि बनाने की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।केंद्र की पादप सुरक्षा प्रोफेसर डॉक्टर नूतन वर्मा ने किसानों को प्राकृतिक कीटनाशकों के बारे में जानकारी दी। पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शिव कुमार यादव ने किसानों को देसी गाय के गोबर व मूत्र के गुणों के बारे में जानकारी देते हुए प्राकृतिक खेती के खेती में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। केंद्र की गृह वैज्ञानिक कुमारी विद्या गुप्ता ने किसानों को मोटे अनाज के पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मोटे अनाज को आहार में शामिल करके विभिन्न बीमारियों जैसे कि मधुमेह ,उच्च रक्तचाप ,हृदय रोग इत्यादि से बचा जा सकता है । केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सीपी गुप्ता ने कृषकों से मोटे अनाजों को प्राकृतिक विधि से उत्पादन करने के लिए कहा तथा उसके बाजार में अत्यधिक मांग होने पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर डॉ विमल कुमार ने किसानों को प्राकृतिक कीटनाशक के प्रयोग विधि की जानकारी दी ।कार्यक्रम के आयोजन में केंद्र के समस्त स्टाफ ने अपना सराहनीय योगदान दिया। इस प्रशिक्षण में विभिन्न गांव के कुल 40 कृषक भाग ले रहे हैं जिनको प्राकृतिक खेती के घटकों को बनाने की प्रायोगिक जानकारी दी गई।